हाल ही में भारत-चीन सीमा पर छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया, जो देशभक्ति और साहस का प्रतीक है। यह प्रतिमा लद्दाख के एक महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने पर स्थापित की गई है। इसका उद्देश्य सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों को प्रेरित करना और उनके भीतर छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता और रणनीतिक कौशल की भावना को जाग्रत करना है।
छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के महान योद्धा और कुशल प्रशासक थे। उनकी रणनीतियां और नेतृत्व क्षमता आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी प्रतिमा का अनावरण ऐसे समय पर हुआ है, जब भारत-चीन सीमा पर तनावपूर्ण हालात हैं। यह प्रतिमा भारतीय सैनिकों को यह संदेश देती है कि दुश्मन चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, धैर्य और साहस से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है।
इस प्रतिमा की ऊंचाई 15 फीट है और इसे शुद्ध कांस्य से बनाया गया है। इसके निर्माण में 6 महीने का समय लगा। यह प्रतिमा शिवाजी महाराज के घुड़सवार मुद्रा को दर्शाती है, जिसमें वे तलवार उठाए हुए हैं। यह दृश्य न केवल शिवाजी महाराज के पराक्रम को दर्शाता है, बल्कि सैनिकों के भीतर आत्मविश्वास और देशभक्ति की भावना को भी बढ़ाता है।
स्थानीय प्रशासन और सेना ने इस पहल की सराहना की है। यह प्रतिमा क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा देगी और शिवाजी महाराज के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य करेगी। यह कदम भारत के वीर इतिहास को सलाम करने और सीमावर्ती इलाकों में देशभक्ति का माहौल बनाए रखने का प्रतीक है।